समानार्थी शब्द.
आनंद – हर्ष, मोद, संतोष |
आरसा – दर्पण , मुकूर अग्नि – निखारा – अनल, पावक अरण्य – रान, वन, कानंन, विपिन , अश्व – घोडा, वारू, तुरंग, वाजी
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डोके – माथा, मस्तक, शिर, शीर्ष |
घर – सदन, भवन, गृह, गेह, आलंय चंद्र – इंदु, शशी, विधू, सोम, हिमांशु ढग – जलद, अंबुद, पयोधर, पयोद नवरा – पती, वल्लभ
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कपाळ – निढळ, भाल, ललाट, निटील किरण – कर, अंशु, रश्मि पोपट – शुक्र, राघू, रावा बेडूक – मंडुक, दरदुर यज्ञ – मख, याग, होम वल्लरी – वेल, लता |
जरा – म्हातारपण होडी – नाव, नौका, तर दाम्पत्य – जोडपे,पतिपत्नी ददात – उणीव ददात – उणीव |
कारा – तुरंत काष्ठ – लाकूड कशिदा – भरतकाम इष्ट – इच्छित अनुग्रह – कृपा |
वीज – चपला, तडीत , बिजली , कपाळ, ललाट, भाळ, निढळ, चंद्र – सुधाकर, शशांक, शशी, हिमांशु, पाणी – जल, उदक, जीवन सीमा – वेस, मर्यादा, शिव |
मुलगी – सुता, तनया, तनुजा, कन्या, आत्मजा, दुहीता, नंदिनी वानगी – उदाहरन, दाखला साप – सर्प, उरग अचल – स्थिर, शांत, पर्वत गरुड – खगेंद्र, द्विजराज, वैनतेय |
क्षय – झीज, ऱ्हास क्षत – जखम, व्रण, इजा कूजन – पक्षाचे गाणे कूर्म – कासव दिन – गरीब चारू – मोहक |
अनुज – नंतर जन्मलेला अनरुत – खोटे अभ्युदय – भरभराट क्षोभ – क्रोध क्षीर – दूध |
सुगम – सुलभ, सोपा, सुकर शेज – बिछाना, अंथरूण, शय्या वचक – धाक, दरारा झोका – हिंदोळा गौरव – सत्कार |
कटी – कंबर उदर – पोट उपवन – बगीचा, बाग, उद्यान, वाटिका क्षेम – कल्याण, हित, कुशल आनंद – हर्ष, मोद, तोष, आमोद |
अमृत – पियुष, सुधा, संजीवनी अचल – स्थिर, शांत, पर्वत सुरुवात – आदी, आरंभ, प्रारंभ हरीण – मृग, कुरंग, सारंग वाघ – व्याघ्र, शार्दूल |